Details, Fiction and sidh kunjika



पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।

मां भगवती के इस पाठ को करने की विधि है उसका पालन जरूर करें. आइए जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.

क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥

हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

ओं अस्य श्री कुञ्जिका स्तोत्रमन्त्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ओं ऐं बीजं, ओं ह्रीं शक्तिः, ओं क्लीं कीलकम्, मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

अगर किसी विशेष sidh kunjika मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

कभी उड़ान नहीं भर पाएगी जेट एयरवेज, सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइन के ऐसेट्स बेचने का दिया आदेश

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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